Sunday, March 9, 2014

कीचड़ रहे उछाल.......



एक दूसरे पर सभी,कीचड़ रहे उछाल। 

ऊपर वाले इस तरफ,एक नज़र तो डाल।।

-कुँवर कुसुमेश 

6 comments:

  1. बहुत सार्थक अभिव्यक्ति .बधाई

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (10-03-2014) को आज की अभिव्यक्ति; चर्चा मंच 1547 पर भी है!
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. ऊपर वाला अभी देख रहा है ... उसकी चाल का जवाब किसी के पास नहीं होगा ...

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