Wednesday, January 22, 2014

फिर से ठंडक, बरस रहा है पानी भी


फिर से ठंडक, बरस रहा है पानी भी। 
              
             जाड़ा कर डालेगा क्या मनमानी भी ?               

ठिठुर रहे हैं लाखों ठंडक में लेकिन,

दुनिया है इस मौसम की दीवानी भी।।  

-कुँवर कुसुमेश 

7 comments:

  1. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति गुरुवारीय चर्चा मंच पर ।।

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  2. आप के लिए चुनौती देता मौसम...

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  3. चुनौती देता मौसम...बहुत सुन्दर...

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  4. हर मौसम अपने में चुनौती भी है मोहकता भी..

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  5. मौसम का जीवंत विवरण बेहतरीन और सुन्दर

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