Thursday, September 13, 2012

दिखावा सब करते हैं....................




हिंदी हिंदी चीखता,रहता पूरा देश.

हिंदीमय अब तक मगर,हुआ नहीं परिवेश.

हुआ नहीं परिवेश,दिखावा सब करते हैं.

अंग्रेजी पर लोग ,न जाने क्यों मरते हैं.

निज भाषा सम्मान,करो मत चिंदी चिंदी.

कभी न वरना माफ़,करेगी तुमको हिंदी.
                                  -कुँवर कुसुमेश
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हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाये 
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चिंदी चिंदी=टुकड़े टुकड़े 

29 comments:

  1. माफ करने लायक हैं भी नही ये अपमान । पर आशा हैं एक दिन हिन्दी की शरण सारा जगत लेगा ।
    आभार ।

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  2. माफ करने लायक हैं भी नही ये अपमान । पर आशा हैं एक दिन हिन्दी की शरण सारा जगत लेगा ।
    आभार ।

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  3. जो व्यक्ति अपने आँगन में लगे तुलसी के बिरवे को पानी नहीं डालता उसे जंगल में लगे बरगद के पेड़ को पानी डालने का अधिकार नहीं है . ठीक उसी प्रकार .....उसे किसी दुसरे की साहित्य की सेवा का अधिकार नहीं है .[आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी ]

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  4. मेरे विचार से

    है जिसने हमको जन्म दिया,
    हम आज उसे क्या कहते है\
    क्या यही हमारा राष्ट्रवाद - ?
    जिसका पथ दर्शन करते है,
    हे राष्ट्र्स्वामिनी निराश्रिता
    परिभाषा इसकी मत बदलो,
    हिन्दी है भारत की भाषा,
    हिन्दी को हिन्दी रहने दो,,,,,,

    RECENT POST -मेरे सपनो का भारत

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  5. सुन्दर प्रस्तुति....
    आपको भी हिंदी दिवस की शुभकामनाएं....
    फले फूले खिलखिलाए हमारी भाषा....

    सादर
    अनु

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  6. हिंदी दिवस की शुभकामनायें....

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  7. सही कहा आपने .आज लोग' प्राइवेसी' चाहते हैं' एकांत' नहीं .यही है आज की हिंदी की दुर्दशा जो हम उत्तर भारतीयों ने की है. .औलाद की कुर्बानियां न यूँ दी गयी होती .

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  8. सरकारी हिंदी की फजीहत होती रहेगी. जनभाषा हिंदी का सम्मान होता रहेगा. हिंदी की दिशा विकास की है.

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  9. बहुत सुन्दर रचना... आने वाला हर युग हिंदी युग हो और हर दिन हिंदी दिवस... हिंदी दिवस की शुभकामनाये...

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  10. सार्थक संदेश देती कुंडली ....

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  11. हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...

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  12. जी हां सही कहा आपने. आज हिन्दी की जो दुर्दशा है उसके जिम्मेदार हमलोग खुद है.

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  13. हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ!

    चिन्दियों को इक्क्ट्ठा करें
    चलो बिन्दियाँ बनाये
    भारत माता के
    माथे पर सजायें
    आशा करें विश्वास करें
    इंतजार करें
    सबको अक्ल आये !

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  14. सही कहा आप ने..हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...

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  15. सच कहा है ... हिंदी बस हिंदी दिवस के लिए ही रहती है कई जगह ... कस कर सरकारी खेमे में ...

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  16. हिंदी से चमकाओ भैया, अपनी बिंदी ,
    विज्ञापन सब ओर हैं भैया, खूब है हिंदी .

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  17. माथे की बिंदी थी अब तक,होती जाती चिंदी
    मिट जाएगी हस्ती हमारी,रही नहीं जो हिंदी!

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  18. हिंदी के विकास की धारा को बाधित करने वाले हिंदी भाषी ही हैं। आपका पोस्ट अच्छा लगा। मेरे नए पोस्ट समय सरगम पर आपका इंतजार रहेगा।

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  19. bilkul sahi baat ...!!
    bahut sundar bhav ...
    shubhkamnayen ..!!

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  20. निज भाषा सम्मान,करो मत चिंदी चिंदी.

    कभी न वरना माफ़,करेगी तुमको हिंदी.दोबारा पढ़ी वही सुरूर आया ,हिंदी पे नूर आया
    ram ram bhai
    मुखपृष्ठ

    मंगलवार, 25 सितम्बर 2012
    आधे सच का आधा झूठ

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  21. सार्थक संदेश .....

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  22. कितने सागर बहाए गए पर,
    होंठ सूखे हैं, प्यासी है हिंदी!
    जिसके घूँघट में तारे टंके हों,
    उस दुल्हन की उदासी है हिंदी !
    आज़ादी के इतने सालों के बाद भी हिंदी की दुर्दशा देखकर बहुत दुःख होता है !
    आपने सही लिखा है हिंदी हमें कभी माफ़ नहीं करेगी !

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  23. अंग्रेजी पर मर रहे, देखो नौकरशाह,
    बेदिल दिल्ली देखकर, हिंदी करती आह।

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  24. एक दम सार्थक सन्देश ....

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  25. एक सही सन्देश हिंदी दिवस पर हिंदी के प्रचार प्रसार के लिये.

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